बसंत ऋतु को प्यार का समय माना जाता है ...जब बंजर दिल में भी प्रेम-पुष्प खिल जाता है ...और प्रकृति भी मानो इसको बढ़ावा देती है ...ऐसा खूबसूरत समां बंधता है कि कोई भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं रह पता ....
-------------------------------------------------------------------------------मुहब्बत बड़ी हसीन होती है, दिल का चैन चुरा लेती है
याद रहती है एक ही छवि, और खुद को भुला देती है
जितनी कोशिश चाहे कर लो, भूलने न देती है
ये वो दर्द है, जो चुभती है, पर मज़ा देती है
लगती है हर बात भली, हर अदा सुहानी लगती है
हर पल इक कविता, हर क्षण, नयी कहानी लगती है
कभी-कभी कौवे सी कर्कश, कभी कोयल की बानी लगती है
पल में तो बच्ची के जैसी, पल में एक सयानी लगती है
कहता है इक टूटा आशिक, दर्द बहुत है सीने में
दर्द न हो गर इस जीवन में तो, ख़ाक मज़ा है जीने में
कहता है इक दीवाना कि, है नशा बहुत कमीने में
नशा न हो गर मदिरा में तो, ख़ाक मज़ा है पीने में
-----------------------------------------------------------विपिन(१४/०२/२०१२)
(आखिरी paragraph कि पहली २ पंक्तियाँ मेरे पसंदीदा गाने से ली गयी है...थोड़ी सी बदली जरूर हैं पर बात वही है)
दर्द न हो गर इस जीवन में तो, ख़ाक मज़ा है जीने में
कहता है इक दीवाना कि, है नशा बहुत कमीने में
नशा न हो गर मदिरा में तो, ख़ाक मज़ा है पीने में
-----------------------------------------------------------विपिन(१४/०२/२०१२)
(आखिरी paragraph कि पहली २ पंक्तियाँ मेरे पसंदीदा गाने से ली गयी है...थोड़ी सी बदली जरूर हैं पर बात वही है)
1 comment:
You are a fantastic writer my friend..
keep on writing.
i am waiting for ur next poetry
--Argha
Post a Comment